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मृदा (SOIL)-------

  • U.K.SHARMA
  • Mar 4, 2017
  • 1 min read

मृदा (SOIL)-------

मीटी ---जल ,हिमनद और हवा द्वारा चटानो को तोड़ने और क्षरण के फलस्वरूप बनती है। इस प्रक्रिया में चटानों के कंकडों को मूल चटान के स्थान से बहुत दूर ले जाती है।

मीटी की श्रेणीयों को 3 श्रेणियों में बांटा है।

1 काप मीटी ----इस प्रकार की मीटी नदियों द्वारा बहाकर लाए हुए पदार्थो से बनती है।

2 टिल मीटी ----इस प्रकार की मीटी हिमप्रवाह के प्रदेशों में पाई जाती है। इसके कण बड़े और मोटे होते है।

3 लोएस मीटी ----इस प्रकार की मृदा हवा द्वारा उड़ाकर लाई जाती है।

हिमाचल प्रदेश में मीटी का वितरण --------------

हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने हिमाचल प्रदेश की मीटी को पांच भागो में बांटा है जो इस प्रकार से है ----

1 निचला पहाड़ी मीटी क्षेत्र

2 मध्य पहाड़ी मीटी क्षेत्र

3 उच्च पहाड़ी मीटी क्षेत्र

4 पर्वतीय मीटी क्षेत्र

5 शुष्क पहाड़ी मीटी क्षेत्र

उत्पादकता के आधार पर मीटी के भेद ----

* चेह मीटी ---इस प्रकार की मीटी की सिंचाई कुओं द्वारा की जाती है।

* नाद मीटी ----इस प्रकार की मीटी में केवल धान उगाया जाता है।

* एक फसली मीटी ----इस प्रकार की मीटी में केवल बर्ष में एक फसल उगाई जाती है।

* ऊसर मीटी ----इस प्रकार की भूमि में केवल कंटीली झाड़ियां मिलती है और कृषि नहीं की जाती है।

* बंजर मीटी -----इस प्रकार की मीटी में दो या तीन बर्षों में एक फसल उगाई जाती है।

 
 
 

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